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आज का विचार
चिता और चिंता एक समान होती हैं, लेकिन चिंता में एक बिंदु की विशेषता होती है, "चिता" तो मरे हुए शरीर को ही जलाती है परन्तु "चिंता" तो जीवित शरीर को जला डालती है।
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