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श्रीमद् भगवद् गीता
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समर्पण
आज का विचार
मन में किसी भी प्रकार का भ्रम नही होता है जब बुद्धि मन का विरोध करती है तब मन में भ्रम उत्पन्न हो जाता है, मन को सांसारिक व्यवहार मे लगाये बिना भी सांसारिक व्यवहार यथावत चलता रहेगा, कौशिश करके धीरज रखोगे तभी पता चल सकेगा।
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