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आध्यात्मिक विचार - 26-3-2012
जो व्यक्ति निरन्तर स्वयं की वाणी को स्वयं सुनकर समझने का प्रयत्न करता है, वही व्यक्ति दूसरों को समझाने में सक्षम होता है।
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