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आध्यात्मिक विचार - 7-4-2012
जिस प्रकार अग्नि को शान्त करने के लिये शीतल जल की अवश्यकता होती है, उसी प्रकार क्रोध रूपी अग्नि को शान्त करने के लिये प्रेम रूपी शीतल जल की आवश्यकता होती है।
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