आध्यात्मिक विचार - 5-7-2012


मनुष्य जीवन का एक मात्र लक्ष्य, परमात्मा से मिलन करना होता है।

जो व्यक्ति जितना अधिक संसार के आश्रित होकर अपने कर्तव्यों का निर्वाह करता है, वह परमात्मा से उतना ही अधिक दूर होता जाता है।

जो व्यक्ति जितना अधिक परमात्मा के आश्रित होकर अपने कर्तव्यों का निर्वाह करता है, वह परमात्मा के उतना नजदीक होता जाता है।