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आध्यात्मिक विचार - 17-02-2013
प्रत्येक मनुष्य का धर्म, व्यक्तिगत होता है।
भगवान के आश्रित होकर अपने धर्म का निरन्तर आचरण करने वाले व्यक्ति को शीघ्र ही भगवान की भक्ति प्राप्त हो जाती है।
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