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आध्यात्मिक विचार - 05-09-2011
केवल सकारात्मक सोच के द्वारा ही जीवन संतुलित हो सकता हैं, जब जीवन संतुलित हो जाता है तभी वास्तविक कर्म प्रारम्भ होता है।
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