आध्यात्मिक विचार - 17-11-2011


जब तक किसी भी व्यक्ति में, दूसरों को समझाने का भाव रहता है, तब तक उस व्यक्ति में समझने का भाव उत्पन्न नहीं होता है।

जब तक व्यक्ति में समझने का भाव उत्पन्न नहीं होता है, तब तक कोई भी व्यक्ति शब्दों के वास्तविक अर्थ को नहीं समझ सकता है।