आध्यात्मिक विचार - 02-01-2013


कर्म से ही कर्म के बंधन की उत्पत्ति होती है, कर्म से कर्म के बंधन से मुक्ति प्राप्त होती है। 

साक्षी भाव में स्थित होने पर ही प्रत्येक व्यक्ति का कर्म-बधंन से मुक्त होना संभव होता है।