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आध्यात्मिक विचार - 31-08-2011
जो व्यक्ति सम्मान प्राप्ति पर हर्षित नहीं होता है, एवं अपमान प्राप्ति पर क्रोधित नहीं होता है, और क्रोध आने पर कठोर वचन नही बोलता है, ऎसा धैर्यवान व्यक्ति मनुष्यों में श्रेष्ठ होता है।
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