आज का विचार

संत वही है जिसकी मन सहित सभी इन्द्रियाँ शान्त रहती है, साधु वही है जिसने मन सहित सभी इन्द्रियाँ को साध लिया है।

आज का विचार

संसार में जो कुछ भी हुआ, जो कुछ भी हो रहा है और जो कुछ भी होगा, वह सब भगवान के संकल्प से ही होता है।

आज का विचार

जैसा सोचोगे वैसा ही कर्म होगा इसलिये मन से कभी बुरा मत सोचो तो आप से कभी पाप-कर्म नही होगा।

आज का विचार

जिनके शास्त्रानुसार कर्तव्य-कर्म पूर्ण हो चुके हैं उन्हे अधिक से अधिक एकान्त जीवन यापन करना चाहिये।

आज का विचार

जीवन की हर परिस्थिति को परमात्मा का प्रसाद समझकर ग्रहण करते हुए भगवान का स्मरण करते रहो।

आज का विचार

परमहंस वह होते हैं जो शरीर को प्रकृति में और आत्मा को परमात्मा में सहज-भाव से विलीन कर देते है।

आज का विचार

सकाम-भाव से जप, तप, पूजा और पाठ करने से सिद्धियाँ प्राप्त होती है, इसमें कोई संशय नहीं है।

आज का विचार

उस पूँजी को जमा करो जो साथ जायेगी, ऎसी पूँजी जमा करने से क्या लाभ जो यहीं रह जायेगी।

आज का विचार

वैरागी वह है जिसका शरीर से विषयों का सम्पर्क रहता है परंतु मन में विषयों का चिंतन नही है।

आज का विचार

विद्वान वही है जो वेद-शास्त्रों के अनुसार परमात्मा को प्राप्त करने के लिये विधिवत उपासना करे।

आज का विचार

सत्संग के बिना विवेक जाग्रत नही होगा, बिना विवेक जाग्रत हुए सत्य और असत्य का भेद नही जान पाओगे, सत्संग भी भगवान की कृपा से ही मिलता है जब भी सत्संग मिले तो समझो भगवान की कृपा मिल रही है।

आज का विचार

परमात्मा के बिना तो सभी अनाथ हैं सभी जीवात्मा एक परमात्मा की ही संतान है, इसलिये एक इष्ट (ईश्वर का कोई एक रुप) में श्रद्धा रखो, एक इष्ट में श्रद्धा ही सभी अनिष्टों से बचने का एक मात्र उपाय है।

आज का विचार

बुद्धि का उपयोग केवल तन और धन की शुद्धि के लिये करोगे तो मन की शुद्धि कभी नही होगी, बुद्धि का उपयोग केवल मन की शुद्धि के लिये करोगे तो, तन और धन की शुद्धि स्वत: हो जायेगी हैं।

आज का विचार

परमात्मा सर्व शक्तिमान है ज़ड-प्रकृति और चेतन-प्रकृति परमात्मा की दो मुख्य शक्तियाँ है, सृष्टि की उत्पत्ति का कारण ज़ड-प्रकृति (शरीर) और चेतन-प्रकृति (आत्मा) का संयोग मात्र है।

आज का विचार

जब तक बुद्धि द्वारा मन शरीर (ज़ड प्रकृति) में स्थित रहता है तब तक जीव अज्ञानी ही है, जब बुद्धि द्वारा मन आत्मा (चेतन प्रकृति) में स्थित होने लगता है तभी जीव का अज्ञान दूर होने लगता है।

आज का विचार

प्रत्येक व्यक्ति को भक्ति-मार्ग में प्रवेश पाने के लिये ही कर्म करने चाहिये, जिसे भक्ति मार्ग में प्रवेश मिल गया है केवल उसी की यात्रा सही दिशा में हो रही है।

आज का विचार

भौतिक विकास के लिये बुद्धि का उपयोग करोगे तो जीवन का दुरूपयोग होगा, परमात्मा के लिये बुद्धि का उपयोग करोगे तो जीवन का सदुपयोग होगा।

आज का विचार

विश्व में जितना अधिक भौतिक विकास होगा उतनी ही भौतिक वस्तु में आशक्ति होगी, उतनी अधिक विश्व में अशान्ति बढेगी।

आज का विचार

संसार में भौतिक विकास ही अशान्ति का मुख्य कारण है, भौतिक संयोग से क्षणिक सुख और वियोग से चिर दुख होता है।

आज का विचार

पूजा, उपासना, भजन, चिंतन जब तक निष्काम भाव से नही करोगे तब तक परमात्मा की कृपा मिलना असंभव है।

आज का विचार

परमात्मा कण-कण में व्याप्त है जब तक सर्वत्र परमात्मा की अनुभूति नही होती है तब तक अज्ञान बना ही रहता है।

आज का विचार

जब तक प्रत्येक व्यक्ति धर्म के अनुसार आचरण नही करेगा तब तक स्वच्छ समाज की स्थापना नही हो सकती है।

आज का विचार

सभी के कर्मों को जो जानता है वही परमात्मा अन्तर्यामी है उसकी दृष्टि से बचकर कोई कार्य नही हो सकता है।

आज का विचार

स्वधर्म के आचरण से ही सुख एवं शान्ति मिलती है, धर्म-विरुद्ध आचरण से दुख और अशान्ति ही प्राप्त होगी।

आज का विचार

भय प्रकृति में होता है, परमात्मा तो अभय सत्ता है, शरीर प्रकृति से मिला है और आत्मा परमात्मा से मिली है।

आज का विचार

ज़ड प्रकृति में सुख-दुख की, चेतन प्रकृति में आनन्द की और परमात्मा में ही परम-आनन्द अनुभूति होती है।

आज का विचार

ज्ञान (लिखित) जब तक विज्ञान (अनुभव) में परिवर्तित नही होगा तब तक आनन्द की प्राप्ति नही होगी।

आज का विचार

अनन्य भाव से सर्वत्र सर्वव्यापी परमात्मा को देखने की दृष्टि मिलने पर ही भक्ति-मार्ग पर प्रवेश होता है।

आज का विचार

जैसे लोगो के संगति करोगे वैसा स्वभाव बनेगा और वैसे ही कर्म होंगे और वैसा ही फ़ल पाओगे।

आज का विचार

भक्ति-मार्ग में प्रवेश तभी मिलता है जब जीव को भगवान की कृपा से ब्रह्मज्ञान प्राप्त हो जाता है।

आज का विचार

मानव जीवन पानी के बुलबुले के समान है न जाने कब यह बुलबुला फ़ूट जाये, धर्माचरण न करने पर व्यवहार और परमार्थ दोनों बिगड जाते हैं, धर्मानुसार व्यवहार ही परमार्थ का मार्ग है।