आज का विचार

मनुष्य को जीवन में चार पुरुषार्थ करने होते है। १. धर्म (शास्त्र-बिधि का पालन), २. अर्थ (धर्मानुसार धन का संग्रह), ३. काम (धर्मानुसार कामनाओं की पूर्ति), ४. मोक्ष (धर्मानुसार सभी कामनाओं का त्याग)।

आज का विचार

जिस प्रकार राष्ट्र के नियमों का उल्लंघन करने पर व्यक्ति को सरकार के द्वारा दण्डित किया जाता है, उसी प्रकार ब्रह्माण्ड के नियमों का उल्लंघन करने पर जीवात्मा को प्रकृति के द्वारा दण्डित किया जाता है।

आज का विचार

नित्य भगवान के भजन, चिंतन के लिये थोड़ा - थोड़ा समय निकाल कर अभ्यास करो और धीरज रखो, एक दिन पात्रता प्राप्त हो ही जायेगा।

आज का विचार

जब मन स्थिर हो जाता है तब इन्द्रियाँ स्वयं ही वश में हो जाती है, या इन्द्रियाँ वश में कर लोगे तो मन स्वयं ही वश में हो जायेगा।

आज का विचार

परमात्मा का निर्गुण-निराकार स्वरुप के चिंतन करने वालों से परमात्मा का सगुण-साकार स्वरुप के चिंतन करने वाले श्रेष्ठ होते हैं।

आज का विचार

शास्त्रों का सार न जानने से शास्त्र-अध्यन श्रेष्ठ है, शास्त्र-अध्यन से ध्यान श्रेष्ठ है, ध्यान से सभी कर्मफ़लों का त्याग श्रेष्ठ होता है।

आज का विचार

तुम जो कुछ भी करते हो उसके फ़ल को पहले भगवान को अर्पित करके चलोगे तो भगवान प्राप्ति रुपी परम-सिद्धि को पाओगे।

आज का विचार

ज्ञान-योगी से भक्ति-योगी का मार्ग आसान है, ज्ञान-योगी स्वयं के भरोसे और भक्ति-योगी परमात्मा के भरोसे चलता है।

आज का विचार

संसार में जो कुछ भी तुम्हारा है उसे भगवान का समझकर उपयोग करोगे तो भगवद-प्राप्ति रुपी परम-सिद्धि को पाओगे।

आज का विचार

जो सभी प्राणियों में एक मात्र अपनी आत्मा का अनुभव करता है, वही स्थिर मन वाला सत्य को जानने वाला है।

आज का विचार

निरन्तर मन और बुद्धि को भगवान मे लगाने वालों का अति शीघ्र ही दुख रूपी संसार-सागर से उद्धार होता है।

आज का विचार

संसार सागर को पार करने के लिये भगवान के चरण रुपी नाव का सहारा लोगे तो आसानी से पार हो जाओगे।

आज का विचार

निरन्तर मन और बुद्धि को भगवान मे लगाने वालों का अति शीघ्र ही मृत्यु रूप संसार-सागर से उद्धार होता है।

आज का विचार

यदि मन भगवान में लगाओगे तो मन सरलता से स्थिर हो जायेगा, स्थिर मन वाला ही सुख को प्राप्त होता है।

आज का विचार

जैसा व्यवहार दूसरों के द्वारा चाहते हो वैसा ही व्यवहार दूसरों के साथ करोगे तो सभी मत-भेद मिट जायेंगे।

आज का विचार

ज्ञान-योग से भक्ति मिले या भक्ति-योग से ज्ञान, दोनो ही मार्गो से एक ही लक्ष्य परमात्मा की प्राप्ति होती है।

आज का विचार

जब तक पाप और पुण्य में उलझे रहोगे तो प्रकृति के तीनों गुणों के आधीन होकर बंधन में ही पडे रहोगे।

आज का विचार

केवल भक्ति-योग द्वारा भगवान को पाने की इच्छा करने पर भगवद-प्राप्ति रुपी परम-सिद्धि शीघ्र प्राप्त होगी।

आज का विचार

जिस प्रकार राष्ट्र का संविधान पुस्तकों में वर्णित हैं, उसी प्रकार ब्रह्माण्ड का संविधान शास्त्रों में वर्णित हैं।

आज का विचार

जो ज्ञान-योग और भक्ति-योग में भेद करता है उसकी बुद्धि अभी भगवद-पथ पर अज्ञान से आवृत है।

आज का विचार

जैसे भृंगी कीट भ्रमर का चिन्तन करते-करते भ्रमर स्वरुप बन जाता है वैसे ही जीव ब्रह्म का ध्यान करते-करते ब्रह्म स्वरूप हो जाता है।

आज का विचार

सदगुरु वही होता है जो सभी प्रकार के भ्रम का जड़ से मिटाने वाला और जन्म, मृत्यु तथा भय से मुक्त कराने वाला हैं।

आज का विचार

गुरु वही हैं जो नित्य, निर्गुण, निराकार, परम ब्रह्म का अनुभव करते हुए शिष्य के मन में ब्रह्म भाव को प्रकट कराते हैं।

आज का विचार

परमात्मा हर प्राणी के हृदय में परम-मित्र भाव में रहता है, उसे केवल शास्त्रानुसार कर्म करके ही जाना जा सकता है।

आज का विचार

अज्ञान की जड़ को उखाड़ने वाले, ज्ञान और वैराग्य को सिद्ध करने वाले श्री गुरुदेव के चरणामृत का पान करना चाहिये।

आज का विचार

सांसारिक व्यवहार सहजता से निभाते चलो जो हो जाय तब भी सही और जो न हो तब भी सही मानकर सन्तोष करो।

आज का विचार

यदि शिव जी नारज़ हो जायें तो गुरुदेव बचाने वाले हैं, किन्तु यदि गुरुदेव नाराज़ हो जायें तो बचाने वाला कोई नहीं।

आज का विचार

ब्रह्मज्ञानी एकान्त प्रिय, कामना रहित, चिन्ता मुक्त, राग-द्वेष रहित, मान-अपमान रहित और शांत-चित्त वाला होता है।

आज का विचार

शिव ही गुरु हैं, गुरु ही शिव हैं, दोनों में जो अन्तर मानता है, तीनो लोकों मे उसके समान पापी और कोई नही होता है।

आज का विचार

जब जीवात्मा का परमात्मा से साक्षात्कार हो जाता है तब वह जीवात्मा परमात्मा से अनन्य भाव से प्रेम करने लगती है।