आध्यात्मिक विचार - 21-10-2012


प्रत्येक व्यक्ति केवल स्वयं की भावना को ही पहचान सकता है। 

जो व्यक्ति समझाने की भावना से पढ़ता, लिखता, सुनता या बोलता है वह मूर्ख होता है। 

जो व्यक्ति समझने की भावना से पढ़ता, लिखता, सुनता या बोलता है वह बुद्धिमान होता है।

आध्यात्मिक विचार - 15-10-2012


स्वयं को प्राप्त जानकारी को पूर्ण जानकारी समझना प्रत्येक व्यक्ति की कमजोरी होती है।

जो व्यक्ति अपनी इस कमजोरी को दूर कर लेता है, वह व्यक्ति बुद्धिमानों में श्रेष्ठ होता है। 

आध्यात्मिक विचार - 13-10-2012


मनुष्य जीवन का गुजरा हुआ प्रत्येक क्षण शिक्षा देता है। 

स्वयं के अनुभवों से सीख न लेना ही मनुष्य की सबसे बड़ी कमजोरी होती है।

जो व्यक्ति इस कमजोरी को दूर कर लेता है, वही व्यक्ति बुद्धिमानों में श्रेष्ठ होता है।

आध्यात्मिक विचार - 10-10-2012


व्यक्ति जैसी संगति करता है वैसे ही विचार बुद्धि में उत्पन्न होते हैं, वैसा ही स्वभाव हो जाता है और वैसा ही कर्म स्वतः ही होने लगता है।