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श्रीमद् भगवद् गीता
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आध्यात्मिक विचार - 20-07-2014
"उदारता" जल से भी अधिक तरल होती है।
जल की तरलता से समस्त प्राणियों को शीतलता प्राप्त होती है लेकिन मनुष्यों की उदारता से तो समस्त संसार को शीतलता प्राप्त होती है।
आध्यात्मिक विचार - 18-07-2014
क्रोध, अग्नि से भी अधिक ज्वलनशील होता है, अग्नि तो निर्जीव शरीर को भष्म करती है लेकिन क्रोध तो सजीव चरित्र को ही नष्ट कर देता है।
आध्यात्मिक विचार - 16-07-2014
प्राप्त वस्तुओं को भगवान का प्रसाद और अप्राप्त वस्तुओं को भगवान की कृपा समझने वाला व्यक्ति शीघ्र ही जन्म-मृत्यु के चक्र से मुक्त हो जाता है।
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