आज का विचार


दानी के समान अन्य कोई सुन्दर हृदय वाला नहीं होता है, पृथ्वी पर लोभ के समान कोई अन्य शत्रु नहीं होता है, लज्जा के समान कोई आभूषण नहीं होता है और संतोष के समान अन्य कोई धन नहीं है।

आज का विचार


मनुष्य की शोभा न मुकुट धारण करने से, न चन्द्रमा के समान उज्ज्वल हार गले में धारण करने से, न स्नान करने से, न चन्दन लेपित करने से, न फूलों की माला से और न ही केशों को सुसज्जित करने से ही बढ़ती हैं। 
मनुष्य की शोभा सुन्दर संस्कार युक्त वाणी को धारण करने से होती है, सभी प्रकार के आभूषण तो नष्ट हो जाते हैं लेकिन सुन्दर संस्कार युक्त वाणी तो कभी न नष्ट होने वाले आभूषण के समान होती है।

आज का विचार


क्रोध समस्त विपत्तियों का मूल कारण होता है, क्रोध से ही सांसारिक बंधन उत्पन्न होता है, क्रोध से ही धर्म का नाश होता है, इसलिए क्रोध का सभी परिस्थितियों में त्याग कर देना चाहिये।

आज का विचार


दुःख का अनुभव होने के बाद ही सुख का अनुभव हो पाता है जिस प्रकार घोर अंधकार में दीपक का प्रकाश अच्छा लगता है। सुख में रहने वाला जो मनुष्य स्वयं को दरिद्र कहता है, ऎसा मनुष्य शरीर में जीवित रहते हुए भी मृतक के समान होता है।

आज का विचार


सदाचरण सबसे बड़ा धर्म होता है, सदाचरण सबसे बड़ी तपस्या होती है, और सदाचरण सबसे बड़ा ज्ञान होता है, सदाचरण से सब कुछ प्राप्त किया जा सकता है।

आज का विचार


मनुष्य के छः वास्तविक सम्बन्धी हैं, सत्य माता है, ज्ञान पिता है, धर्म भाई है, दया मित्र है, शांति पत्नी है और क्षमा ही पुत्र है। 

आज का विचार


कुछ न चाहने वाले, दान करने वाले, शांत रहने वाले, स्थिर चित्त वाले, मन से पूर्ण संतुष्ट मनुष्यों के लिए सभी परिस्थितियाँ सुखमय होती हैं।

आज का विचार


संसार में मनुष्य जन्म मिलना दुर्लभ है, उससे भी दुर्लभ विद्या युक्त मनुष्य का मिलना होता है, उससे भी दुर्लभ चरित्रवान मनुष्य मिलना होता है और उससे भी दुर्लभ विनयशील मनुष्य का मिलना होता है।

आज का विचार

बिना सोचे विचारे किसी भी कार्य की शुरूआत नहीं करनी चाहिए, बिना विचारे कार्य करना ही अत्यधिक परेशानी का कारण होता है, भली प्रकार से विचार करके कार्य करने वाले के गुणों से प्रसन्न होकर सम्पत्ति स्वयं उस मनुष्य का वरण करती है।

आज का विचार


जो मनुष्य स्थिर वस्तु (आत्मा) को छोड़कर अस्थिर वस्तु (संसार) का आश्रय लेते हैं, अस्थिर वस्तु की संगति के कारण उनकी स्थिर वस्तु भी नष्ट हो जाती है क्योंकि अस्थिर वस्तु तो नाशवान होती ही है।

आज का विचार


धन की केवल तीन गतियाँ ही होती हैं एक गति धर्मानुसार दान, दूसरी गति धर्मानुसार इच्छा-पूर्ति और तीसरी गति विनाश, जो न तो दान करता है और न ही इच्छा-पूर्ति ही करता है, उस मनुष्य के धन की तीसरी गति ही होती है।

आज का विचार


जड़ता से बुद्धि का नाश होता है, सत्य से वाणी को सींचा जाता है, मन की स्थिरता से पाप-कर्म नहीं होते हैं जिससे उन्नति की दिशा प्राप्त होती है।

आज का विचार


इस पृथ्वी पर केवल तीन ही अनमोल रत्न हैं एक जल, दूसरा अन्न और तीसरा मधुर बचन, पत्थरों के टुकड़ों को रत्न का नाम तो मूर्ख मनुष्यों के द्वारा ही दिया गया है।

आज का विचार


विद्या से विनयशीलता प्राप्त होती है, विनयशीलता से पात्रता प्राप्त होती है, पात्रता से धन की प्राप्ति होती है, धन से कर्तव्य पूर्ण होता है और कर्तव्य पूर्णता से सुख की प्राप्ति होती है।

आज का विचार


मधु-मक्खियों द्वारा संचित किया हुआ शहद अन्य किसी के द्वारा छीन लिया जाता है, इसलिए धन का संचय कभी नहीं करना चाहिए, धन का उपयोग तो दान देने के लिये और आवश्यकता पूर्ति करने के लिये होना चाहिये। 

आज का विचार


जहाँ पर स्त्रियों का सम्मान होता है, वहीं देवता निवास करते हैं, जहाँ पर स्त्रीयों का अपमान होता है वहां पर सभी कार्य निष्फल हो जाते हैं।

आज का विचार


मन के दुःख का पहला कारण क्रोध होता है, क्रोध से सांसारिक बंधन उत्पन्न होता है, क्रोध से कर्तव्य-कर्म में विघ्न उत्पन्न होता है, इसलिए क्रोध का त्याग कर देना चाहिये।

आज का विचार


कर्म वही होता है जिससे बंधन उत्पन्न नहीं होता है, विद्या वही होती है जिससे मोक्ष की प्राप्ति होती है, अन्य सभी कर्म तो केवल श्रम मात्र होते हैं और अन्य सभी विद्याएँ तो यान्त्रिक क्रियाएँ मात्र होती हैं।

आज का विचार


जिस प्रकार सर्द ऋतु के बादल केवल गरजते हैं बरसते नहीं हैं, वर्षा ऋतु के बादल बिना गरजे वर्षा करते हैं, उसी प्रकार दुष्ट लोग जो कहते हैं परन्तु करते नहीं हैं, सज्जन लोग करते हैं परन्तु कहते नहीं हैं।

आज का विचार


सत्य के आचरण से आयु बढ़ती है, सत्य के आचरण से मन्वान्छित संतान की प्राप्ति होती है, सत्य के आचरण से कभी न नष्ट होने वाले धन की प्राप्ति होती है, और सत्य के आचरण से बुरी आदतें नष्ट हो जाती है।

आज का विचार


धन के दान करने से ही प्रतिष्ठा प्राप्त होती है, धन के संचय करने से नहीं, जिस प्रकार बादलों का स्थान ऊपर होता है और समुद्र का स्थान नीचे होता है।

आज का विचार


वही मनुष्य बुद्धिमान होता है जो अपने धन की हानि को, अपने मन के दुःख को, अपने घर के झगड़ों को, अपने साथ हुए धोखे को और अपने अपमान को किसी को नही बताता है।

आज का विचार


जो मनुष्य किसी को भी अपना नहीं समझता है उसके लिये कभी कोई पराया नहीं होता है, और जो मनुष्य कभी सम्मान की इच्छा नही करता है उसका कभी अपमान नहीं होता है। 

आज का विचार


जो मनुष्य दूसरों के धन को मिट्टी के समान देखता है, जो समस्त प्राणियों को अपने समान ही देखता है, वही मनुष्य संसार को यथार्थ रूप में देख पाता है।

आज का विचार


जो पुरुष अपनी पत्नी के अलावा अन्य स्त्री को माता, बहन और बेटी के समान देखता है, जो स्त्री अपने पति के अलावा अन्य पुरुष को पिता, भाई और बेटा के समान देखती है, वही स्त्री और पुरुष चरित्रवान होते हैं।

आज का विचार


लज्जा से काम का नाश होता है, मृत्यु से प्राणों का नाश होता है, बुरी संगति से चरित्रता का नाश होता है परन्तु अभिमान से मनुष्य का सर्वनाश हो जाता है।

आज का विचार


जिस प्रकार निरन्तर पानी की बूँद टपकने से घड़ा पूर्ण भर जाता है, उसी प्रकार निरन्तर प्रयत्न करने से सभी विद्याओं की, धर्म की और धन की भी प्राप्ति हो जाती है।

आज का विचार


साधारण मनुष्य हमेशा दूसरों के बारे में बोलने में निपुण होते हैं परन्तु ऎसे मनुष्य अपने बारे में कुछ भी नहीं जानते हैं, यदि ऎसा मनुष्य कहता हैं कि वह स्वयं के बारे में जानता है तो वह गलत कहता है।

आज का विचार


सत्संग से वैराग्य उत्पन्न होता है, वैराग्य से मोह नष्ट होता है, मोह नष्ट होने पर  तत्त्वज्ञान की प्राप्ति होती है और तत्त्वज्ञान से मोक्ष की प्राप्ति होती है।

आज का विचार


जो मनुष्य श्रद्धा और भक्ति में समान रूप से दृड़ स्थित है, जो अन्य भौतिक कार्यों में लिप्त नहीं होते हैं, ऎसे कम बोलने वाले, मधुर बोलने वाले और अधिक सुनने वाले मनुष्य निश्चित रूप से पुण्यवान होते हैं।

आज का विचार


जो व्यक्ति सम्मान प्राप्त होने पर हर्षित नहीं होता है और अपमान प्राप्त होने पर क्रोध नहीं करता है, और क्रोधित होने पर कठोर वचन नही बोलता है, वही सभी मनुष्यों में श्रेष्ठ व्यक्ति होता है।