आध्यात्मिक विचार -10-06-2015


धर्म और अधर्म की परिभाषा कार्य का उद्देश्य निर्धारित करता है, एक ही कार्य धर्म और अधर्म दोनों ही हो सकता है।

जब कार्य का उद्देश्य स्वार्थ-सिद्धि होता है तो वह कार्य अधर्म कहलाता है, और जब उसी कार्य को परमार्थ-सिद्धि के उद्देश्य से किया जाता है तो वही कार्य धर्म कहलाता है।