आज का विचार


बुद्धिमान व्यक्ति वही होते हैं, जो बीते हुए समय से शिक्षा लेकर कभी शोक नहीं करता है एवं भविष्य की चिन्ता नहीं करता है और केवल वर्तमान में ही दृष्टि रखकर कर्म करते हैं।  

आज का विचार


सज्जन व्यक्ति नारियल के समान होते हैं, जो कि बाहर से कठोर और अन्दर से निर्मल होते है, अन्य व्यक्ति बदरी फल के समान होते हैं जो कि केवल बाहर से ही अच्छे लगते हैं। 

आज का विचार


कामनायें, क्रोध और लोभ मनुष्य के तीन मुख्य शत्रु है, कामनाओं को भगवान के नाम जप से, क्रोध को प्रेम से और लोभ को परमार्थ से जीता जा सकता है।

आज का विचार


चिता और चिंता एक समान होती हैं, लेकिन चिंता में एक बिंदु की विशेषता होती है, "चिता" तो मरे हुए शरीर को ही जलाती है परन्तु "चिंता" तो जीवित शरीर  को जला डालती है।

आज का विचार


इन आठ गुणों के कारण ही मनुष्य की बुद्धि प्रकाशित होती हैं।

१. बल
२. दान
३. साहस
४. कृतज्ञता
५. बहुभाषा
६. प्रियवाणी
७. शास्त्रज्ञान
८. सुन्दर चरित्र

आज का विचार


मूर्खों के पाँच लक्षण होते हैं।

१. गर्व करना !
२. हठ करना !
३. क्रोध करना !
४. अपशब्द बोलना !
५. दूसरों की बातों का अनादर करना !

आज का विचार


स्वयं के सुख की कामना करने से दुख की उत्पत्ति होती है और दूसरों के सुख की कामना से सुख की उत्पत्ति होती है, इन दोनों प्रकार की कामनाओं से बन्धन ही उत्पन्न होता है। 

आज का विचार


मनुष्य का सबसे बड़ा शत्रु क्रोध कहलाता है, सबसे बडा रोग लोभ कहलाता है, सभी प्राणीयों का हित चाहने वाला साधु कहलाता है और दूसरों का बुरा चाहने वाला दुष्ट कहलाता है।

आज का विचार


महात्मा वह होता है, मन में जो विचार करता है, वाणी से वही बोलता है, कर्म भी वही करता है और दुष्टात्मा वह होता है, जो मन में विचार कुछ करता हैं, वाणी से कुछ और बोलता हैं, कर्म कुछ और ही करता हैं।

आज का विचार


अमरत्व और मॄत्यु दोनों निश्चित रूप से मनुष्य के शरीर में ही स्थित रहतीं हैं, मोह के कारण मृत्यु प्राप्त होती है और सत्य के कारण अमरत्व प्राप्त होता है।

आज का विचार


अनेकों मनुष्यों में से कोई केवल दूसरों के गुणों को ही जान पाता हैं, अनेकों मनुष्यों में से कोई दूसरों के दुःख से दुखी हो पाता हैं, उसी प्रकार अनेकों मनुष्यों में से कोई संतुष्ट रह पाता है, जो जीवन की हर परिस्थिति में संतुष्ट रहता है वही संत होता है।

आज का विचार


जिस प्रकार सभी पर्वतों में मणियाँ नहीं होतीं हैं, सभी हाथियों के मस्तक में मोती नहीं होते है, और चन्दन के वृक्ष सभी वनों में नहीं होते हैं उसी प्रकार संत पुरूष सभी स्थानों में नहीं होते हैं।

आज का विचार


इस भौतिक संसार में न किसी का जीवन सदैव रहता है, न किसी का धन सदैव रहता है, न किसी का यौवन सदैव रहता हैं, न किसी का पुत्र सदैव रहता है और न ही किसी की स्त्री भी सदैव रहती हैं, लेकिन धर्म सदैव रहता है और कीर्ति सदैव रहती हैं।

आज का विचार



मनुष्य को इन छ: गुणों का त्याग कभी भी नहीं करना चाहिये।

(१).दान करने का स्वभाव,
(२).क्षमा करने का स्वभाव, ‍
(३).धीरज रखने का स्वभाव,
(४).सत्य बोलने का स्वभाव,
(५).दूसरों के दोष न देखने का स्वभाव,
(६).किसी भी कार्य को न टालने स्वभाव।

आज का विचार


अपने सुख की इच्छा करना दुख का कारण होता है, और दूसरों के सुख की इच्छा करना सुख का कारण होता है, इसलिये प्रत्येक व्यक्ति को स्वयं की इच्छा को जानने का प्रयत्न करना चाहिये कि वह क्या चाहता है और वह क्या कर रहा है।

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उन्नति पाने की इच्छा वाले मनुष्य को इन छः बुरी आदतों का त्याग सदैव कर देना चाहिए, अधिक निद्रा, जड़ता, भय, क्रोध, आलस्य और कार्यों को टालने की प्रवृत्ति।

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जिस प्रकार अनेक रंगों की गायों के द्वारा एक ही रंग का दूध प्राप्त होता है, उसी प्रकार अनेकों धार्मिक सम्प्रदायों के द्वारा एक ही परमात्मा का ज्ञान प्राप्त होता है।

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संपत्ति के साथ विवेक का होना आवश्यक है, विद्या के साथ विनय का होना आवश्यक है और स्वामीपन के साथ दूसरों को आश्रय देना आवश्यक है, यह सभी महापुरुषों के लक्षण होते हैं।

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संपत्ति से सत्य का अनुसरण करना चाहिये, यश से त्याग का अनुसरण करना चाहिये, विद्या से अभ्यास का अनुसरण करना चाहिये और बुद्धि से कर्म का अनुसरण करना चाहिये।

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दुष्ट व्यक्ति की विद्या विवाद के लिये होती है, धन अहंकार के लिये होता है और शक्ति दूसरों को कष्ट देने के लिए होती है, जबकि इसके विपरीत सज्जन व्यक्ति की विद्या ज्ञान के लिये होती है, धन दान के लिए होता है और शक्ति दूसरों की रक्षा के लिए होती है।

आज का विचार


संतोष रूपी अमृत से तृप्त होकर शान्त चित्त वालों को ही सुख की प्राप्ति होती है, अचेत होकर धन के पीछे दोड़ने वाले लोभियों को सुख की प्राप्ति कभी नहीं होती है।

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जिस प्रकार हिरण हिरणों की संगति करते हैं, गाय गायों की संगति करती हैं, घोड़े घोड़ों की संगति करते हैं, मूर्ख व्यक्ति मूर्खों की संगति करता है और बुद्धिमान व्यक्ति बुद्धिमानों की संगति करते हैं, उसी प्रकार समान चरित्र और समान विचार वालों में ही मित्रता होती है।

आज का विचार

निम्न श्रेणी के मनुष्य परेशानीयों के भय के कारण किसी भी कार्य की शुरुआत ही नहीं करते हैं, मध्यम श्रेणी के मनुष्य कार्य की शुरुआत तो करते हैं लेकिन परेशानीयों से विचलित होकर बीच में ही छोड़ देते हैं, और उत्तम श्रेणी के मनुष्य बार-बार परेशानी आने पर भी शुरु किये गये कार्य को पूर्ण किये बिना कभी नहीं छोड़ते हैं।

आज का विचार


संतुलित भोजन के समान शरीर का पोषण करने वाला दूसरा नहीं होता है, चिंता के समान शरीर का शोषण करने वाला दूसरा नहीं है, मित्र के बिना शरीर संतुष्ट नहीं होता है और विद्या के बिना शरीर सुसज्जित नहीं होता है।

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जिस प्रकार नदियाँ अपना जल स्वयं नहीं पीती हैं, वृक्ष अपने फल स्वयं नहीं खाते हैं, खेत अपने द्वारा उगाया हुआ अनाज स्वयं नहीं खाते हैं, उसी प्रकार संत पुरूषों का जीवन दूसरों के लिए ही होता है।

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ज्ञान में स्थित व्यक्ति की यदि कोई निंदा करे या प्रशंसा करे, उसके पास धन स्थिर रहे या चला जाये, उसके शरीर की मृत्यु आज ही हो या सो वर्षों के बाद हो, ऎसा व्यक्ति बिना विचलित हुए भक्ति के पथ पर चलता हुआ कभी भी अपना धीरज नहीं खोता है।

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जिस प्रकार फलदार वृक्ष झुक जाते हैं उसी प्रकार बुद्धिमान लोग विनम्र हो जाते हैं, लेकिन सूखी लकड़ी और मूर्ख लोग टूट जाने पर भी नहीं झुकते हैं।

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संसार में ज्ञान के समान पवित्र अन्य कोई भी साधन नहीं होता है, लेकिन विज्ञान के बिना सम्पूर्ण संसार के ज्ञान का कोई महत्व नहीं होता है।

आज का विचार


मनुष्य की सुन्दरता रूप से होती है, रूप की सुन्दरता गुणों से होती है, गुणों की सुन्दरता ज्ञान से होती है और ज्ञान की सुन्दरता क्षमा से होती है।

आज का विचार


धीरज धारण किये बिना धन की प्राप्ति नहीं होती है, वीरता के बिना विजय प्राप्त नहीं होती है, ज्ञान के बिना मोक्ष की प्राप्ति नहीं होती है और दान के बिना यश की प्राप्ति नहीं होती है।