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श्रीमद् भगवद् गीता
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समर्पण
आज का विचार
कर्म बन्धन से मुक्त होना ही भगवान को प्राप्त करने का एक मात्र रास्ता है।
मनुष्य जो कुछ भी कर्म करता है यदि वह उन सभी कर्म-फलों को कर्म करने से पहले ही भगवान को अर्पित करता चलता है तो वह मनुष्य कर्म बन्धन से मुक्त होने लगता है।
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