आज का विचार

सदगुरु वही होता है जो संशय, दया, भय, संकोच, निन्दा, प्रतिष्ठा, कुलाभिमान और संपत्ति से निवृत्ति करा देता है।

आज का विचार

जो जीवात्मा जिस किसी की भी निन्दा एवं स्तुति करता है वह उसके गुण और अवगुण भी ग्रहण कर लेता है।

आज का विचार

जैसे छात्र सांसारिक ज्ञान के लिये विधालय जाते है वैसे ही आध्यात्मिक ज्ञान के लिये सत्संग मे जाना चाहिये।

आज का विचार

तन, मन और धन की उपयोगिता तभी है, जब तन एवं धन परमार्थ में और मन भगवान के स्मरण में लगे।

आज का विचार

जब जीवात्मा भगवान से अनन्य-भाव से प्रेम करती है तभी जीवात्मा को भगवान की शुद्ध-भक्ति प्राप्त होती है।

आज का विचार

जब जीवात्मा को भगवान की शरणागति प्राप्त होती है तभी जीवात्मा का परमात्मा से साक्षात्कार होता है।

आज का विचार

जो मनुष्य अपने शरीर को साधन मानकर कामना रहित साधना करता है वही मोक्ष को प्राप्त करता है।

आज का विचार

जब जीव को भगवान की शुद्ध-भक्ति प्राप्त होती है तभी जीव पूर्ण मुक्त होकर भगवान को प्राप्त होता है।

आज का विचार

जब जीवात्मा में ब्रह्म-ज्ञान प्रकट होता है तभी जीवात्मा को भगवान की शरणागति प्राप्त होती है।

आज का विचार

अज्ञानता और भ्रमवश प्रत्येक मनुष्य स्वयं को ज्ञानी और दूसरे व्यक्ति को अज्ञानी समझता है।

आज का विचार

जब किसी जीवात्मा का सत्संग के द्वारा विवेक जाग्रत हो जाता है तभी जीव का मिथ्या अहंकार (शरीर का आकार), शाश्वत अहंकार (आत्मा का आकार) में परिवर्तित हो पाता है और तब अज्ञान का आवरण हटने लगता है।

आज का विचार

जब जीवात्मा भक्ति-कर्म या सांसारिक-कर्म निष्काम भाव (बिना फ़ल की इच्छा) से करेगा, तभी उसे ब्रह्म-ज्ञान (परमात्मा का ज्ञान) प्राप्त हो सकेगा।

आज का विचार

जब तक जीवात्मा भक्ति-कर्म या सांसारिक-कर्म सकाम भाव (फ़ल की इच्छा) से करता रहेगा, तब तक जन्म-मृत्यु के बंधन में ही फ़ंसा रहेगा।

आज का विचार

जिस प्रकार शक्तिमान से शक्ति अलग नही हो सकती है उसी प्रकार ज़ड और चेतन प्रकृति परमात्मा से अलग नही हो सकती है।

आज का विचार

अमीर वह है जिसका मन (चेतन तत्व) परमात्मा मे स्थित है गरीब वह है जिसका मन (ज़ड पदार्थ) तन और धन में स्थित है।

आज का विचार

जब तक ज़ड और चेतन का संयोग बना है तब तक सभी जीवात्मा किसी न किसी रुप में एक-दूसरे के निमित्त बनते ही रहेंगे।

आज का विचार

भौतिक शिक्षा से बुद्धि का पूर्ण विकास सम्भव नही है, केवल आध्यात्मिक शिक्षा से ही बुद्धि का पूर्ण विकास हो सकता है।

आज का विचार

सर्व शक्तिमान परमात्मा की दो मुख्य शक्तियाँ है चेतन प्रकृति (जीवात्मा) और ज़ड प्रकृति (माया) दोनों ही अविनाशी हैं।

आज का विचार

परमात्मा का अंश जीवात्मा, ज़ड प्रकृति के सम्पर्क में रहने के कारण मोहग्रस्त होकर सांसारिक बंधन में फ़ंसा रहता है।

आज का विचार

मन को व्यवहारिक चिंतन में आगे और परमात्मा चिंतन में पीछे रखोगे तो जन्म-मृत्यु के बंधन में फ़ंसे रहोगे।

आज का विचार

मन को व्यवहार मे लगाये बिना भी व्यवहार यथावत चलता रहेगा, कौशिश करके धीरज रखोगे तभी पता चलेगा।

आज का विचार

मन में किसी भी प्रकार का भ्रम नही होता है जब बुद्धि मन का विरोध करती है तब मन भ्रमित हो जाता है।

आज का विचार

शक्तिमान और शक्ति की अभिन्नता ही सृष्टि उत्पत्ति का एक मात्र कारण है, इसलिये सृष्टि भी अविनाशी है।

आज का विचार

यह शरीर और धन-सम्पदा यहीं रह जायेंगे इसलिये इन्हे निजी स्वार्थ मे न लगाकर परमार्थ में लगाओ।

आज का विचार

आध्यात्मिक शिक्षा का अभाव ही विश्व में भ्रष्टाचार, हिंसा, बलात्कार और पापाचार का मुख्य कारण है।

आज का विचार

परमात्मा का अंश जीवात्मा, ज़ड प्रकृति के सम्पर्क में आने के कारण चेतन प्रकृति ही कहलाता है।

आज का विचार

स्वस्थ तन और धन-सम्पदा यदि प्रारब्ध में होगे तो मिलेंगे ही फ़िर मन को इनमें क्यों फ़ंसाते हो।

आज का विचार

मन को परमात्मा चिंतन में आगे और व्यवहारिक चिंतन में पीछे रखोगे तो मोक्ष की प्राप्ति होगी।

आज का विचार

मन भ्रमित होने से जीवात्मा की चेतन शक्ति विखर जाती है जिससे साधन अवरुद्ध हो जाता है।

आज का विचार

निरन्तर सत्संग करने से अज्ञान का आवरण हट जाता है और ज्ञान स्वयं प्रकट होने लगता है।