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श्रीमद् भगवद् गीता
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आज का विचार
शास्त्रों की आज्ञानुसार कार्य करना धर्म होता है, और शास्त्रों के विपरीत कार्य करना अधर्म होता है, धर्म के अनुसार कार्य करना पुण्य-कर्म और धर्म के विरुद्ध कार्य करना पाप-कर्म है।
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