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श्रीमद् भगवद् गीता
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मनुष्य के प्रथम गुरु माता-पिता ही होते है फ़िर पति-पत्नी एक दूसरे के गुरु होते है अन्त में दीक्षा-गुरु बनाना होता है बिना गुरु-भक्ति के सदगुरु की प्राप्ति नही होगी।
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