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श्रीमद् भगवद् गीता
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आज का विचार
बहुत कुछ जानने के लिये शास्त्र अनेक हैं लेकिन समय कम है बाधायें बहुत हैं, इसलिये जो सार तत्व है उसे ही ग्रहण करना चाहिए जिस प्रकार हंस जल मिश्रित दूध में से केवल दूध को ग्रहण कर लेता है।
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