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साधारण मनुष्य हमेशा दूसरों के बारे में बोलने में निपुण होते हैं परन्तु ऎसे मनुष्य अपने बारे में कुछ भी नहीं जानते हैं, यदि ऎसा मनुष्य कहता हैं कि वह स्वयं के बारे में जानता है तो वह गलत कहता है।
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