आध्यात्मिक विचार - 04-01-2011


वर्ण और वर्णाश्रम धर्म की शिक्षा से ही मनुष्यों के स्वच्छ चरित्र का निर्माण हो सकता है।

स्वच्छ चरित्र से ही स्वच्छ समाज का निर्माण होसकता है।

स्वच्छ समाज से स्वच्छ राष्ट्र का निर्माण हो सकता है।