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आध्यात्मिक विचार - 30-01-2011
वही व्यक्ति सत्य और असत्य का भेद जान पाता है जो केवल स्वयं को उपदेश देता है।
जो व्यक्ति स्वयं को उपदेश देता है वह शीघ्र ही सत्य में स्थित हो जाता है और दूसरों को उपदेश देता है वह हमेशा असत्य में ही स्थित रहता है।
इसलिये व्यक्ति को वाणी से बोलते समय स्वयं सुनने का भाव होना चाहिये, दूसरों को सुनाने का भाव नहीं होना चाहिये।
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