आध्यात्मिक विचार - 19-04-2011

मन की केवल दो ही स्थिति होती है, एक समय में मन एक ही स्थिति में रह पाता है।

एक स्थिति में मन संसार में स्थित रहता है और दूसरी स्थिति में ईश्वर में स्थित रह सकता है।

जब व्यक्ति अपने मन को भगवान में स्थित नहीं करता है तो उस व्यक्ति का मन संसार में स्वतः ही स्थित रहता है।