आध्यात्मिक विचार - 15-05-2011

व्यक्ति जिस भावना से भगवान का भजन करता है, भगवान भी उस व्यक्ति को उसी भावना से भजन करते हैं।

व्यक्ति जिस भावना से अपनी कामना पूरी करने के लिये भगवान का स्मरण करता है, भगवान व्यक्ति की उसी भावना से कामनाओं की पूर्ति करते हैं।

ईश्वरीय कामनायें वर्तमान जीवन में ही पूर्ण हो जाती हैं, लेकिन सांसारिक कामनायें अगले जीवन में पूर्ण होती हैं, वर्तमान जीवन में जो भी सांसारिक इच्छायें पूर्ण होती हैं वह पिछले जीवन की कामनायें होती हैं।