आध्यात्मिक विचार - 05-11-2011


संसार में कोई भी व्यक्ति किसी भी व्यक्ति को गुमराह नहीं कर सकता है, व्यक्ति अपने अविश्वासी स्वभाव के कारण स्वयं ही गुमराह होता है।

यदि कोई व्यक्ति किसी अन्य व्यक्ति को गुमराह करने का प्रयत्न भी करता है, तो वास्तव में वह स्वयं ही गुमराह हो रहा होता है।