आध्यात्मिक विचार - 14-11-2011


वास्तविक कर्म वही होता है, जिस कर्म से बंधन उत्पन्न नहीं होता है, और वास्तविक विद्या वही होती है, जिस विद्या से मोक्ष की प्राप्ति होती है। 

अन्य सभी कर्म तो श्रम करके समय को व्यर्थ करना हैं, और अन्य सभी विद्या तो यान्त्रिक क्रिया मात्र हैं।