आध्यात्मिक विचार - 12-11-2013


प्रत्येक व्यक्ति को जो कुछ भी प्राप्त है उसके खोने का भय (मोह) और उससे अधिक पाने की इच्छा (लोभ) ही व्यक्ति के दुखः के मूल कारण होते हैं।

"मोह" और "लोभ" के कारण ही दुखः की उत्पत्ति होती हैं, मोह के कारण भय की उत्पत्ति होती है और लोभ के कारण चिन्ता की उत्पत्ति होती है।