आध्यात्मिक विचार - 27-05-2014


जो स्वयं को निमित्त समझकर अपने कर्तव्य-कर्म करने में निरन्तर लगा रहता है वह सभी पाप और पुण्य कर्म के बन्धन से शीघ्र मुक्त हो जाता है।