आज का विचार

निष्काम-प्रेम तो केवल परमात्मा से ही हो सकता है, इस प्रेम को भक्ति कहते है, संसार में तो सकाम-प्रेम होता है, यह प्रेम व्यापार के रूप में ही होता है।