आज का विचार

सन्यासी वही है जिसका मन सहित शरीर से विषयों का सम्पर्क नही है, पाखंडी वह है जिसका इन्द्रियों से विषयों का सम्पर्क नही रहता है परंतु मन में विषयों का चिंतन बना रहता है।