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श्रीमद् भगवद् गीता
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आज का विचार
सुख-शान्ति शरीर में नही है वह तो आत्मा में है, इसलिये पहले आत्मा को जानने की जिज्ञासा तो उत्पन्न करो, तभी सुख-शान्ति प्राप्ति होगी।
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