आज का विचार

संसार में दो प्रकार के ब्रह्मज्ञानी सदगुरु होते हैं, १.मौनी ब्रह्मज्ञानी और २.वक्ता ब्रह्मज्ञानी।
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वक्ता ब्रह्मज्ञानी संसार-सागर में व्याप्त सभी जीवात्माओं के उद्धार के लिये प्रयत्नशील रहता हैं।
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मौनी ब्रह्मज्ञानी से संसार को विशेष लाभ नही होता है, वह स्वयं के उद्धार में मग्न रहता है।
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