मुख पृष्ठ
श्रीमद् भगवद् गीता
श्री राम चरित मानस
आध्यात्मिक चिंतन
बृज चित्र-दर्शन
भजन-संगीत
प्रार्थना
समर्पण
आज का विचार
ज्ञान में स्थित व्यक्ति की यदि कोई निंदा करे या प्रशंसा करे, उसके पास धन स्थिर रहे या चला जाये, उसके शरीर की मृत्यु आज ही हो या सो वर्षों के बाद हो, ऎसा व्यक्ति बिना विचलित हुए भक्ति के पथ पर चलता हुआ कभी भी अपना धीरज नहीं खोता है।
नई पोस्ट
पुरानी पोस्ट
मुख्यपृष्ठ