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श्रीमद् भगवद् गीता
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समर्पण
आज का विचार
जिस प्रकार सभी पर्वतों में मणियाँ नहीं होतीं हैं, सभी हाथियों के मस्तक में मोती नहीं होते है, और चन्दन के वृक्ष सभी वनों में नहीं होते हैं उसी प्रकार संत पुरूष सभी स्थानों में नहीं होते हैं।
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