मुख पृष्ठ
श्रीमद् भगवद् गीता
श्री राम चरित मानस
आध्यात्मिक चिंतन
बृज चित्र-दर्शन
भजन-संगीत
प्रार्थना
समर्पण
आज का विचार
प्रत्येक मनुष्य को दुख-सुख की अनुभूति दो प्रकार से होती है, मानसिक रूप से और शारीरिक रूप से, शरीरिक सुख-दुख पूर्व जन्म के कर्म के कारण भोगने पड़ते हैं और मानसिक सुख-दुख इस जन्म के कर्म के कारण भोगने पड़ते हैं।
नई पोस्ट
पुरानी पोस्ट
मुख्यपृष्ठ