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श्रीमद् भगवद् गीता
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आज का विचार
प्रत्येक मनुष्य को एक जन्म के कर्मों को कई जन्मों तक भोगने पड़ते हैं, इस जन्म के मानसिक सुख-दुख अगले कई जन्मों के शारीरिक सुख-दुख के रूप में भोगने पड़ते हैं।
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