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आज का विचार
व्यक्ति जब तक स्वयं को शरीर समझता रहता है तब तक वह मिथ्या अंहकार से ग्रसित रहता है, जब तक व्यक्ति मिथ्या अंहकार से ग्रसित रहता है तब तक व्यक्ति अज्ञानी ही होता है।
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