आज का विचार


व्यक्ति जैसा सोचता है वैसा ही कर्म होता है।

प्रत्येक व्यक्ति में पाँचों ज्ञान इन्द्रियों के आकर्षण से बुद्धि में कामना उत्पन्न होती है, विवेक द्वारा अच्छी-बुरी कामनाओं के बारे में सोचा जाता है, मन के द्वारा वैसी ही इच्छा जाग्रत होती है, उसी इच्छा के अनुसार कर्म होता है।