मुख पृष्ठ
श्रीमद् भगवद् गीता
श्री राम चरित मानस
आध्यात्मिक चिंतन
बृज चित्र-दर्शन
भजन-संगीत
प्रार्थना
समर्पण
आज का विचार
जिस व्यक्ति का मन से परमात्मा से राग रहता है, और तन से सभी सांसारिक कर्तव्य कर्मो को अनासक्त भाव से करता रहता है, वही सच्चा वैरागी होता है। ऎसे वैरागी व्यक्ति को कोई साधारण व्यक्ति नहीं पहचान सकता है।
नई पोस्ट
पुरानी पोस्ट
मुख्यपृष्ठ