आज का विचार


जो ज्ञान-योग और भक्ति-योग में भेद करता है उसकी बुद्धि अभी भगवद-पथ पर अज्ञान से आवृत है।

ज्ञान-योग द्वारा भक्ति मिले या भक्ति-योग द्वारा ज्ञान, दोनो ही मार्गो से एक ही लक्ष्य परमात्मा की प्राप्ति होती है।