आध्यात्मिक विचार - 03-02-2011

संसार में कामना, क्रोध और लोभ मनुष्य के तीन प्रमुख शत्रु होते है, इनके अतिरिक्त अन्य कोई शत्रु नहीं होता है।

व्यक्ति को इन तीन मुख्य दुश्मनों को जीतने का प्रयत्न जीवन की अन्तिम स्वांस तक करना चाहिये, इन्हें मन, वाणी और शरीर के द्वारा ही जीता जा सकता है।

कामनाओं को "मन" से भगवान के नाम जप के द्वारा, क्रोध को "वाणी" से सभी से प्रेम के बोल द्वारा और लोभ को "शरीर" से दूसरों की मदद द्वारा जीता जा सकता है।