मुक्त जीवन जीने वाले ही मुक्ति को प्राप्त हो पाते हैं।
जो व्यक्ति सहज-भाव से सभी कार्यों को करते रहते हैं, कुछ भी पाने की चाहत और किसी भी प्रकार का विरोध नहीं करते हैं, केवल वही मुक्त जीवन जीते हैं।
मुक्ति मनुष्य शरीर में रहकर ही प्राप्त होती है, इसलिये आज से ही सहज-भाव में जीने का अभ्यास करना अभी से शुरु कर देना चाहिये।