आध्यात्मिक विचार - 27-02-2011

भगवान समुद्र के समान हैं तो संत पुरुष मेघ के समान होते हैं, भगवान चंदन के वृक्ष के समान हैं तो संत पुरुष पवन के समान होते हैं।

सभी साधनों का फल भगवान की भक्ति ही है, उसे संत पुरुषों के माध्यम से ही प्राप्त किया जा सकता है।

जो व्यक्ति धैर्य और विश्वास के साथ निरन्तर संत पुरुषों की संगति करता है, उसे एक दिन भगवान की भक्ति की प्राप्ति हो ही जाती है।