आध्यात्मिक विचार - 03-03-2011

सत्य एक मात्र ईश्वर है, ईश्वर आत्मा रूप में सभी में स्थित है, और शास्त्रों में इस आत्मा की संगति करने की असंख्य विधियाँ बतायी गयी हैं।

प्रत्येक व्यक्ति के लिये केवल एक ही विधि है, जो व्यक्ति अपनी स्थिति के अनुसार किसी भी एक विधि को जानकर दृड़ संकल्प के साथ उस विधि के अनुसार कार्य करता है, वह व्यक्ति शीघ्र ही ईश्वर की कृपा का पात्र बन जाता है।