आध्यात्मिक विचार - 06-03-2011


सत्संग से वैराग्य उत्पन्न होता है, वैराग्य से मोह नष्ट होता है, मोह नष्ट होने पर  तत्त्वज्ञान की प्राप्ति होती है और तत्त्वज्ञान से मोक्ष की प्राप्ति होती है।