प्रत्येक मनुष्य को ईश्वर ने बुद्धि द्वारा जानने की, मन के द्वारा मानने की और इन्द्रियों के द्वारा करने की शक्ति प्रदान की है, यदि मनुष्य इस शक्ति का आवश्यकता के अनुसार उपयोग करता है तो आसानी से जन्म से लेकर मृत्यु तक के सभी दुखों से मुक्त हो सकता हैं।
साधारण मनुष्यों में और महापुरूषों में इतना ही फर्क है कि महापुरूष आवश्यकता के अनुसार कर्म करते हैं जबकि साधारण मनुष्य इच्छा के अनुसार कर्म करते हैं।