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व्यक्ति जैसे लोगों का संग करता है, वैसा ही व्यक्ति का स्वभाव बनता है, वैसा ही व्यक्ति का कर्म होता है और वैसा ही व्यक्ति को फल भोगना पड़ता है।
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